संदेश

कामायनी महाकाव्य का कथानक

       कामायनी जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित महाकाव्य है। जिसका प्रकाशन  सन् 1935 ई. में हुआ था।यह हिन्दी साहित्य का अपूर्व महाकाव्य है। इसके कथानक का सूत्र ऋग्वेद , पुराणों तथा ...

धारावाहिक लेखक मनोहर श्याम जोशी

       मनोहर श्याम जोशी हिन्दी के सुप्रसिद्ध उपन्यास कार , व्यंग्य लेखक , पत्रकार , दूरदर्शन धारावाहिक लेखक , जनवादी विचारक , फिल्म पटकथा लेखक , संपादक , कुशल प्रवक्ता तथा स्तं...

जनवादी कवि नागार्जुन

         प्रगतिवादी विचारधारा के कवि  नागार्जुन का वास्तविक नाम वैद्यनाथ मिश्र है। इनका जन्म सन् 1911 ई. में दरभंगा जिले के तरौनी गांव में हुआ था। नागार्जुन के पिता अत्यंत रूढ़िवादी मैथिल ब्राह्मण थे।इनका पारिवारिक वातावरण दरिद्रता पूर्ण था, जिससे इनका बचपन अत्यंत संघर्षमय परिस्थितियों में बीता। संघर्षों ने इनके सरल व्यक्तित्व को स्वर्ण के समान अग्नि में तपाकर दैदीप्यमान कर दिया था। नागार्जुन ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा स्वामी सहजानंद से प्राप्त की। जिनकी प्रगतिशील एवं वैज्ञानिक विचारधारा का इन पर गहरा प्रभाव पड़ा। नागार्जुन का व्यक्तित्व सरल , सहज और विरोधी स्वभाव वाला था। जो इनकी रचनाओं में स्पष्ट झलकता है। प्रेम से लोग उन्हें बाबा कहकर बुलाते थे।           नागार्जुन हिन्दी , मैथिली और संस्कृत भाषा में समान रूप से कविता करते थे।ये मैथिली भाषा में यात्री उपनाम से कविता करते थे। नाग ार्जुन की रचनाओं का परिचय इस प्रकार है :- संस्कृ त : धर्मलोक शतकम्  , देश शतकम्  , कृषक शतकम् ,श्रमिक दशकम्...

राष्ट्र कवि मैथिलीशरण गुप्त जी का साहित्यिक परिचय

      राष्ट्र कवि मैथिलीशरण गुप्त जी का जन्म उत्तर प्रदेश के चिरगांव जिला झांसी में 3 अगस्त 1886 ई.को हुआ था। इनके पिता का नाम राम प्रसाद कनकने था।और माता कौशल्या बाई थी। इनके मा...

आचार्य रामचंद्र शुक्ल और हिन्दी आलोचना

             आचार्य रामचंद्र शुक्ल हिन्दी के सुप्रसिद्ध आलोचक , साहित्य इतिहासकार एवं निबंध कार थे। इन्होंने अपने आलोचना ग्रंथों से आलोचना का एक नया मार्ग प्रशस्त किया...

गोपाल दास नीरज एक स्मृति

           साहित्यकार , शिक्षक एवं फिल्मी गीतकार गोपाल दास सक्सेना 'नीरज' का जन्म 4 जनवरी सन् 1925 को उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के पुरावली गाँव में हुआ था। इनके पिता का नाम ब्रजक...

प्रयोगवाद और अज्ञेय

               हिन्दी साहित्य में प्रयोग वाद का प्रारम्भ सन् 1943 ई. में अज्ञेय द्वारा सम्पादित तार सप्तक के प्रकाशन के साथ माना जाता है। वास्तव में इसका प्रारंभ छायावाद में न...