प्रगतिवादी विचारधारा के कवि नागार्जुन का वास्तविक नाम वैद्यनाथ मिश्र है। इनका जन्म सन् 1911 ई. में दरभंगा जिले के तरौनी गांव में हुआ था। नागार्जुन के पिता अत्यंत रूढ़िवादी मैथिल ब्राह्मण थे।इनका पारिवारिक वातावरण दरिद्रता पूर्ण था, जिससे इनका बचपन अत्यंत संघर्षमय परिस्थितियों में बीता। संघर्षों ने इनके सरल व्यक्तित्व को स्वर्ण के समान अग्नि में तपाकर दैदीप्यमान कर दिया था। नागार्जुन ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा स्वामी सहजानंद से प्राप्त की। जिनकी प्रगतिशील एवं वैज्ञानिक विचारधारा का इन पर गहरा प्रभाव पड़ा। नागार्जुन का व्यक्तित्व सरल , सहज और विरोधी स्वभाव वाला था। जो इनकी रचनाओं में स्पष्ट झलकता है। प्रेम से लोग उन्हें बाबा कहकर बुलाते थे। नागार्जुन हिन्दी , मैथिली और संस्कृत भाषा में समान रूप से कविता करते थे।ये मैथिली भाषा में यात्री उपनाम से कविता करते थे। नाग ार्जुन की रचनाओं का परिचय इस प्रकार है :- संस्कृ त : धर्मलोक शतकम् , देश शतकम् , कृषक शतकम् ,श्रमिक दशकम्...