उड़ने को आसमान

नन्हीं सी चिड़िया
निकली अपने घोंसले से
उड़ने को पंख पसार
छूने को आसमान
महसूस करने हवा की खुशबू
देखने दुनिया के रंग
चुगनें दाने के कन
फुदक रही घोंसले के बाहर
 उम्मीदों के पंख लगाकर
उड़ती गिरती गिरती उड़ती
कभी हवा से बातें करती
कभी लुढ़ककर नीचे आती
सपनों की दुनिया से बाहर
फिर कोशिश कर ऊपर जाती
नीचे ऊपर ऊपर नीचे
बारम्बार पंख फैलाती
कभी सोचती मैं खो जाऊं
नीले नीले मुक्त गगन में


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